tag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post5572025838706346300..comments2023-10-29T17:56:58.797+05:30Comments on कहानी-कलश: मटमैले लबादे वाला सान्ताक्लोज़गिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-47891358040700873702009-07-02T22:13:00.532+05:302009-07-02T22:13:00.532+05:30wahhhh !!wahhhh !!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-4835683580126289822008-12-31T19:07:00.000+05:302008-12-31T19:07:00.000+05:30बहुत ही लाजवाब कहानी.मजा आ गया.आलोक सिंह "साहिल"बहुत ही लाजवाब कहानी.मजा आ गया.<BR/>आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-79937146418092307762008-12-30T19:36:00.000+05:302008-12-30T19:36:00.000+05:30मनु जी,बहुत ही अच्छी लगी यह कहानी , सरल और सरस ....मनु जी,<BR/><BR/>बहुत ही अच्छी लगी यह कहानी , सरल और सरस . अंत की खिलखिलाहट ने हमारे होंठों पर भी मुस्कान बिखेर दी . बहुत खूब.<BR/><BR/>पूजा अनिलPooja Anilhttps://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-72437817546866008412008-12-27T16:45:00.000+05:302008-12-27T16:45:00.000+05:30माता पिता की नज़रों मैं ताउम्र रहने वाले बच्चे जल्...माता पिता की नज़रों मैं <BR/>ताउम्र रहने वाले बच्चे <BR/>जल्दी ही <BR/>समझदार और <BR/>बड़े हो जाते हैं आज .<BR/><BR/>बहुत सुंदर प्रवाह लिए हुवे थी दास्ताँ मनु जी Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-70325998120797471642008-12-25T21:55:00.000+05:302008-12-25T21:55:00.000+05:30मनु जी,यह कहानी मुझे बहुत पसंद आई। आप अंत तक सस्पे...मनु जी,<BR/><BR/>यह कहानी मुझे बहुत पसंद आई। आप अंत तक सस्पेंस बनाये रखते हैं। यहाँ तक कि जब बच्चे पिता को बुरा-भला कहते हैं तो लगता है कि चॉकलेट की जगह कोई बम तो नहीं है, कुछ और तो नहीं है। यह तो बिलकुल नहीं समझा था कि आप उन्हें समझदार बता देंगे। बहुत-बहुत बधाई।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-20073594975490570012008-12-25T16:49:00.000+05:302008-12-25T16:49:00.000+05:30मनु जी प्रशंसा के लिए शब्द ही नही मिल रहे हैं | इस...मनु जी प्रशंसा के लिए शब्द ही नही मिल रहे हैं |<BR/> इस मौके पर इस अतुलनीय तोहफे के लिए पूरा हिन्दयुग्म की तरफ़ से आपका आभार व्यक्त करती हूँneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-22960224354914436312008-12-25T14:20:00.000+05:302008-12-25T14:20:00.000+05:30भाई मनु जी,आज क्रिसमिस के दिन आपकी रचना पढी,वाकेइ ...भाई मनु जी,<BR/><BR/>आज क्रिसमिस के दिन आपकी रचना पढी,<BR/><BR/><BR/>वाकेइ आपने बहुत अच्ची कहानी लिखी है और वही बच्चे, जिन्हें हम बच्चा समझते हैं हमें इस बात का अहसास करा देते हैं कि अब वे बड़े हो गए हैं और हमसे ज़्यादा जानते हैं। बच्चों का यही ख्याल कि वो अब बड़े हो गए हैं, तब अच्छा नहीं होता जब वे मां बाप को ही छोटा समझने लगते है। बढिया कहानी के लिए आपको बधाई।Prakash Badalhttps://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-68276660554946280892008-12-25T08:02:00.000+05:302008-12-25T08:02:00.000+05:30अब नहीं उनको मुझपर यक़ींमेरे बच्चे बडे हो गये.म...अब नहीं उनको मुझपर यक़ीं<BR/>मेरे बच्चे बडे हो गये.<BR/><BR/><BR/>मनु भाई<BR/> !<BR/>बहुत अच्छे<BR/>.<BR/><BR/>सलिल जी को भी नमस्कार<BR/><BR/>द्विजद्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-10905394184383277272008-12-25T00:41:00.000+05:302008-12-25T00:41:00.000+05:30पढी कहानी सलिल ने, मन को भाई खूब.मनु के मन ने मनु-...पढी कहानी सलिल ने, मन को भाई खूब.<BR/>मनु के मन ने मनु-कथा, लिख दी सचमुच डूब.<BR/><BR/>पिता प्रेम की मूर्ति है, मान ममता का रूप.<BR/>जब तक सिर पर छाँव हो, बच्चे रहते भूप.<BR/><BR/>मेरा भी उपहार ले, आए सांताक्लास.<BR/>आम शेष को दे 'सलिल', मुझको दे कुछ खास. <BR/><BR/>कथ्य कहानी का सबल, भाषा सहज-सुबोध.<BR/>पाठक मन से जुड़ सके, तनिक नहीं अवरोध.<BR/><BR/>कथाकार की सफलता, पाठक को ले जोड़.<BR/>ख़त्म कहानी कर सका, देकर रोचक मोड़.<BR/><BR/>'सलिल' कहानी छोड़ती, अंतर्मन पर छाप.<BR/>बढ़कर भी बच्चे रहें, बच्चा चाहें आप,Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-40915252898651699032008-12-25T00:13:00.000+05:302008-12-25T00:13:00.000+05:30पढी कहानी सलिल ने, मन को भाई खूब.मनु के मन ने मनु-...पढी कहानी सलिल ने, मन को भाई खूब.<BR/>मनु के मन ने मनु-कथा, लिख दी सचमुच डूब.<BR/>पिता प्रेम की मूर्ति है, मान ममता का रूप.<BR/>जब तक सिर पर छाँव हो, बच्चे रहते भूप.<BR/>मेरा भी उपहार ले, आए सांताक्लास.<BR/>आम शेष को दे 'सलिल', मुझको दे कुछ खास. <BR/>कथ्य कहानी का सबल, भाषा सहज-सुबोध.<BR/>पाठक मन से जुड़ सके, तनिक नहीं अवरोध.<BR/>कथाकार की सफलता, पाठक को ले जोड़.<BR/>ख़त्म कहानी कर सका, देकर रोचक मोड़.<BR/>'सलिल' कहानी छोड़ती, अंतर्मन पर छाप.<BR/>बढ़कर भी बच्चे रहें, बच्चा चाहें आप,Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-48793636291958258212008-12-24T23:08:00.000+05:302008-12-24T23:08:00.000+05:30पिता की दुविधा उसका बच्चों से रिश्ता और उसकी सोच क...पिता की दुविधा उसका बच्चों से रिश्ता और उसकी सोच को बहुत सुंदर तरीके से लिखा है .कहानी पढ़ के मन भरी होरहा था पर अन्त के माहौल को खुशनुमा कर दिया <BR/>vinay ji aap ki kavita ka intjar rahega <BR/>बहुत खूब <BR/>सादर<BR/>रचनाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-16747707524989316912008-12-24T17:59:00.000+05:302008-12-24T17:59:00.000+05:30मनु जी,बहुत ही गहरे भाव लिए कहानी | जितना पढ़ने स...मनु जी,<BR/>बहुत ही गहरे भाव लिए कहानी | जितना पढ़ने समझने में आता है उससे भी कही अधिक गहरी | माँ बच्चो के भावपूर्ण संबंध पर तो साहित्य भरा पड़ा है | लेकिन पिता बच्चो का सम्बन्ध भी कही कम नही है | इस सम्बन्ध में नमी का आभाव होने से तनिक शुष्क परिलक्षित होता है, पर क्या करे ? रोते हुए पिता प्रेरणा के स्रोत नही होते |<BR/> आपकी कहानी से प्रेरित हो मैंने एक कविता / शब्दचित्र लिखा है कल प्रेषित करूंगा | <BR/>बधाई |<BR/>सादर,<BR/>विनयVinaykant Joshihttps://www.blogger.com/profile/05111242447033341492noreply@blogger.com