tag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post4235981940199017398..comments2023-10-29T17:56:58.797+05:30Comments on कहानी-कलश: 13 जुलाई 2010 : प्लास्टिक की पलकेंगिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5724241726450852727.post-8016924395192150872008-12-26T21:52:00.000+05:302008-12-26T21:52:00.000+05:30कहानी में अनावश्यक रूप से अंगरेजी शब्दों का प्रयोग...कहानी में अनावश्यक रूप से अंगरेजी शब्दों का प्रयोग खटकता है. इल्यूजन, डिटेल्स, शटर, सब्सटीट्यूट, रिपीट जैसे शब्द जिनके लिए हिन्दी में समुचित शब्द हैं, अखरते हैं जबकि प्लास्टिक, स्टेशन, मोबाइल आदि स्वाभाविक लगते हैं. कहानी बोझिल हो गयी है.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.com